समतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब : NCERT Science

 हम प्रकाश के गुण, समतल दर्पण द्वारा परावर्तन और परावर्तन के नियमों के बारे में पढ़ चुके हैं। अगर आपने वो नहीं पढ़ा है तो पहले उसके बारे में जान लें।

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अब हम यहां बात करते हैं समतल दर्पण द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्ब के गुणों की। जब हम प्रतिबिम्ब या प्रकाश के विषय में अध्ययन करते हैं तो एक शब्द हमेसा आता है, वस्तु (Object) या बिम्ब, । यह कोई भी वस्तु जो अपना स्वयं का प्रकाश उत्पन्न करती है या अपने से प्रकाश को परावर्तित करती है उसे हम यहां वस्तु, Object या बिम्ब कहते हैं। यहां पर वस्तुएँ दो प्रकार की हो सकती हैं- 

1- अत्यंत छोटी वस्तुएँ , बिंदु वस्तुएँ

2- बड़ी वस्तुएँ, विस्तारित वस्तुएँ

किसी भी वस्तु का प्रतिबिंब तभी बनता है जब उससे आने वाली वाली प्रकाश किरणें एक बिंदु पर मिलती हैं या मिलती हुई प्रतीत होती हैं। इसके आधार पर दो प्रकार के प्रतिबिम्ब बनते हैं , वास्तविक प्रतिबिम्ब और आभासी प्रतिबिम्ब।



प्रतिबिम्ब जिसे पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है उसे वास्तविक प्रतिबिम्ब कहते हैं। सिनेमा हॉल में पर्दे पर बना प्रतिबिम्ब वास्तविक प्रतिबिम्ब का उदाहरण है। 


ऐसे प्रतिबिम्ब जिसे पर्दे पर नहीं उतारा जा सकता है उसे आभासी प्रतिबिम्ब कहते हैं। जैसे समतल दर्पण के द्वारा हमारे चेहरे का प्रतिबिंब। इसे केवल देखकर इसका अभ्यास किया जा सकता है। 


समतल दर्पण में पार्श्व परावर्तन- 

समतल दर्पण द्वारा बनने वाला प्रतिबिम्ब ,सीधा एवं आभासी होता है, परंतु यह पार्श्व रूप से परावर्तित होता है। 

किसी समतल दर्पण में जब हम अपना प्रतिबिम्ब देखते हैं तो हमारा दांया भाग, प्रतिबिम्ब का बांया होता है, ओर हमारा बायां भाग प्रतिबिम्ब में दांया होता है। इस प्रकार के परावर्तन को पार्श्व परावर्तन कहते हैं। 


यह समतल दर्पण का एक गुण है कि इसमें किसी भी वस्तु के प्रतिबिम्ब का पार्श्व परावर्तन हो जाता है। 

समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की विशेषताएं- 

1- समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब सदैव आभासी होता है, इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

2- समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब वस्तु के समान ओर सीधा बनता है।

3- समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब वस्तु के आकार का बनता है। 

4- समतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब दर्पण के उतनी ही पीछे बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी होती है।

5- समतल दर्पण से बना प्रतिबिम्ब पार्श्व परावर्तित होता है।


समतल दर्पणों के उपयोग-

समतल दर्पण के कुछ सामान्य उपयोग निम्नलिखित हैं- 

1- समतल दर्पण का प्रयोग हम अपने घरों में अपना प्रतिबिम्ब देखने को प्रयोग करते हैं। सभी घरों  में इसका प्रयोग होता है।

2- कुछ दुकानों (आभूषणों की दुकानों) में उसके भीतरी भागों को बड़ा दिखाने के लिए दीवारों पर समतल दर्पणों का प्रयोग होता है।

3- नाईयों की दुकान में, ब्यूटी पार्लर में समतल दर्पण का प्रयोग होता है।

4- पेरिस्कोप बनाने के लिए समतल दर्पण का प्रयोग होता है। 




तो ये समतल दर्पण और उसकी सामान्य जानकारी थी, अगके अब हम गोलीय दर्पणों के बारे में देखेंगे। 


....................क्रमशः..........


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