प्रार्थना ( वह शक्ति हमें दो दयानिधे )

*-------* वह शक्ति हमें दो दयानिधे , कर्तव्य मार्ग पर डट जावें । पर सेवा पर उपकार में हम , जग जीवन सफल बना जावें । हम दीन दुखी निबलों विकलों , के सेवक बन संताप हरें । जो हैं अटके भूले भटके , उनको तारें, खुद तर जावें । छल दम्भ द्वेष पाखंड झूठ , अन्याय से निशि दिन दूर रहें । जीवन हो शुद्ध सरल अपना , सुचि प्रेम सुधा रस बरसावे । निज आन मान मर्यादा का , प्रभु ध्यान रहे, अभिमान रहे । जिस देश जाति में जन्म लिया, ...