6 दिसंबर: इतिहास के झरोखे से
6 दिसंबर: इतिहास के झरोखे से
इतिहास में 6 दिसंबर का दिaन कई महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और बदलावों का गवाह रहा है। यह दिन भारत के सामाजिक और राजनीतिक इतिहास के साथ-साथ विश्व इतिहास में भी खास महत्व रखता है। आइए जानते हैं, 6 दिसंबर से जुड़े कुछ प्रमुख पहलुओं के बारे में।
महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ
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1992 – बाबरी मस्जिद विध्वंस
6 दिसंबर 1992 का दिन भारतीय इतिहास का एक बड़ा और विवादित दिन है। इस दिन अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद को कारसेवकों द्वारा गिरा दिया गया। इस घटना ने देश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाया और भारतीय राजनीति को गहराई से प्रभावित किया। -
1917 – हैलिफ़ैक्स विस्फोट
कनाडा के हैलिफ़ैक्स शहर में 6 दिसंबर 1917 को एक भयंकर विस्फोट हुआ, जब एक एम्यूनिशन ले जा रहे जहाज ने एक अन्य जहाज से टक्कर खाई। इस हादसे में लगभग 2000 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। यह इतिहास का सबसे बड़ा गैर-परमाणु विस्फोट था। -
1947 – फ़िनलैंड का संविधान लागू
6 दिसंबर 1947 को फ़िनलैंड में नया संविधान लागू किया गया, जो देश की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करने वाला कदम था। -
1978 – स्पेन का संविधान अनुमोदन
6 दिसंबर 1978 को स्पेन ने अपना नया संविधान अपनाया, जिसने देश में लोकतंत्र को बहाल किया और कई सामाजिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त किया।
महान व्यक्तित्व और उनकी यादें
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डॉ. भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण (1956)
भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक, डॉ. भीमराव अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ। उन्होंने अपने जीवन को दलितों, वंचितों और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित किया। यह दिन भारत में 'महापरिनिर्वाण दिवस' के रूप में मनाया जाता है। -
जिन लोगों का जन्मदिन
- एवलिन वुड (1909): शिक्षण और पढ़ाई के क्षेत्र में प्रसिद्ध एवलिन वुड का जन्म इसी दिन हुआ था।
अन्य प्रमुख घटनाएँ
- 1921 - आयरलैंड ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की।
- 2017 - अमेरिका ने येरुशलम को इज़राइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी।
ध्यान देने योग्य बातें
6 दिसंबर को अलग-अलग संदर्भों में याद किया जाता है। भारत में इसे डॉ. अंबेडकर के योगदान और उनके संघर्षों को याद करने के लिए मनाया जाता है, जबकि यह दिन विश्व राजनीति और इतिहास के अन्य कई महत्वपूर्ण क्षणों को भी समेटे हुए है।
निष्कर्ष
6 दिसंबर का दिन हमें अतीत के संघर्षों, विवादों और उपलब्धियों की याद दिलाता है। यह हमें यह भी सिखाता है कि इतिहास से सीखकर हम भविष्य को बेहतर बना सकते हैं। चाहे वह डॉ. अंबेडकर का योगदान हो या बाबरी मस्जिद की घटना, यह दिन हमें सामाजिक और सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
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