नई शिक्षा नीति 2020 : कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

 आखिरकार 34 वर्षों के बाद भारत को एक नई शिक्षा नीति मिल ही गयी। इससे पहले सन1986 में शिक्षा नीति लागू की गई थी जिसमें 1992 में कुछ आंशिक संसोधन किये गए । तब से वही शिक्षा पद्धति भारत में चल रही थी। 



29 जुलाई 2020 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा के साथ इसे लागू कर दिया गया है। आइये हम इसकी कुछ महत्वपूर्ण बातों को समझते हैं और देखते हैं कि किस तरह से ये वर्तमान शिक्षा पद्धति से बेहतर है। 


🔸नई शिक्षा नीति का प्रथम लक्ष यह है कि 2030 तक स्कूलों में नामांकन की दर 100% की जाए। अभी भी गरीब और असहाय बच्चे बेसिक स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। उन्हें स्कूल तक लाना और शिक्षा दिलाना ये नई शिक्षा नीति का एक लक्ष निर्धारित किया गया है।


🔸स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता की हर 5 वर्षों में समीक्षा की जाएगी। और आवश्यक हुआ तो उचित संसोधन किया जाएगा।


🔸विद्यार्थी खुद चयन करेगा कि उसे किन विषयों में बोर्ड परीक्षा देनी है। बोर्ड परीक्षा को सरल बनाने और पाठ्यक्रम के बोझ को कम करने पर जोर दिया जाएगा।


🔸वर्तमान में प्रचलित 10+2 शिक्षा पद्धति की जगह अब 5+3+3+4 पद्धति को अपनाया जाएगा । जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, 14-18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए निर्धारित की गई है।  3-6 वर्ष के बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ना इसका लक्ष्य है। 


🔸नई शिक्षा नीति में 5वीं कक्षा तक मातृ भाषा, क्षेत्रीय भाषा, या स्थानीय भाषा में पढ़ाई को अपनाया जाएगा। विदेशी भाषाओं की शिक्षा सेकंडरी लेवल से होगी। साथ ही इस नीति में यह नही कहा गया है कि किसी भी भाषा को छात्रों पर थोपा नहीं जाएगा। 


🔸NCERT 8 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा के लिए एक नया पाठ्यक्रम विकसित करेगा जिसे पूरे देश में एकसमान रूप से लागू किया जाएगा।


🔸नई शिक्षा नीति में छात्रों के लिए एक विकल्प यह भी होगा कि अगर कोई छात्र किसी विषय को बीच में छोड़कर दूसरे विषय का प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहता हो तो उसे एक निश्चित समय का ब्रेक दिया जायेग जिसमें वह उस कोर्स को पूरा कर पुराना कोर्स फिर से जॉइन कर सके।


🔸 इस नीति की एक और विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ, कृषि,चिकित्सा, तकनीकी, कानूनी शिक्षा को एक साथ एक ही शिक्षा नीति के दायरे में लाया जाएगा। जिसका फायदा यह होगा कि छात्र पढ़ाई के साथ साथ किसी रोजगार पाठ्यक्रम का भी ज्ञान प्राप्त कर पायेगा।


🔸 शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी विशेष जोर दिया गया है। इसके लिए यह सभी कार्यक्रम कॉलेज , विश्विद्यालय स्तर से जोड़ने का सुझाव इसमें दिया गया है। जिससे शिक्षक गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करने को प्रशिक्षित हो सकें।


🔸 बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल को भी जोड़ा जाएगा। जिससे कि आगे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त करने में सुविधा हो।


🔸पाठ्यक्रम में प्राचीन भारतीय ज्ञान पद्धति को शिक्षा से जोड़ने की सिफारिश की गई है। 


🔸 बालिका शिक्षा के लिए उन्हें भावनात्मक रूप से मजबूत बनाया जाएगा, कस्तूरबा गांधी विद्यालय का विकास 12वीं तक किया जाएगा। देश में बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्हें शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जाएगी।


🔸 पहली व दूसरी कक्षा में भाषा व गणित पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। चौथी और पांचवीं कक्षा में लेखन कौशल का विकास किया जाएगा। जिसके लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे जो बच्चों को प्रोत्साहित करेंगे।


🔸बच्चों को किताबों के अलावा दूसरे माध्यम से सिखाने पर जोर दिया जाएगा जिससे बस्ते का बोझ कम हो सके। गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।


🔸 शिक्षकों को टेक्नोलॉजी के प्रयोग करने की बात कही गयी है। लैपटॉप, मोबाइल आदि के प्रयोग से शिक्षण कार्य रुचिकर बनेगा और छात्र का ध्यान शिक्षा की और आकर्षित होगा। 


🔸 कक्षा 6 से ही बच्चों को प्रोफ़ेशनल और स्किल की शिक्षा दी जाएगी और स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप भी कराई जाएगी। इसके अलावा संगीत और कला को पाठ्यक्रम में लागू कर इनको बढ़ावा दिया जाएगा।


🔸 हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 8 क्षेत्रीय भाषाओं में ecourse उपलब्ध होगा। पांचवी तक तथा जहां संभव हो आठवीं तक स्थानीय या मातृभाषा को पाठ्यक्रम में महत्व दिया जाएगा।


🔸 दसवीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा के महत्व को कम किया जाएगा। प्रैक्टिकल मॉड्यूल इसके लिए तैयार किया जाएगा। जिसके लिए सेमेस्टर प्रणाली विकसित करने की बात इस शिक्षा नीति में कही गयी है।


🔸 पारदर्शी एवं ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ने पर जोर देने की बात कही गयी है।


🔺 उच्च शिक्षा में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का विकल्प दिया गया है।

🔺 Phd के लिए MPhil की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है।

🔺 higher education के लिए एक ही रेगुलेटर होगा , परंतु इसमें कानून एवं मेडिकल शिक्षा को इससे अलग रख गया है।

🔺 सरकारी और प्राइवेट शिक्षा के मानक एक समान होंगे।

🔺 उच्च शिक्षा संस्थान में प्रवेश के लिए NTA एन0टी0ए0 के द्वारा कॉमन एंट्रेन्स एग्जाम करने का विचार रखा गया है। हालांकि यह सभी संस्थानों के लिए अनिवार्य नहीं है। कुछ कोर्स इससे अलग रहेंगे। 




तो यह थी एक संक्षिप्त जानकारी नई शिक्षा नीति 2020 की। इसकी विस्तृत जानकारी हम आपको आगे देंगे। हमसे जुड़े रहिये और सही जानकारी प्राप्त कीजिये। 

#NewEducatioPolicy2020

अंग्रेजी अनुवाद के लिए यहां क्लिक करें

1 comment:

  1. सटीक जानकारी और सार संक्षेप नई शिक्षा का

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