NPS बनाम OPS : कौन है ज्यादा उपयुक्त

हमने अपने पिछले ब्लॉग में बहुत सरल तरीके से NPS के बाद मिलने वाली पेंशन की गणना करके दिखाया था,अगर अपने वो नहीं पढ़ा तो इस लिंक में जाकर उसे पढ़ लें तब इसे समझने में आपको आसानी होगी। जिसने वो पिछले ब्लॉग को पढ़ा था वो इसे पूरा पढ़ें।



तो हमने आपको बताया था कि किस प्रकार एक व्यक्ति जो 28 साल की सेवा करता है और उसे अंत मे 28 साल बाद जो पेंशन मिलेगी वो अधिकतम 4000 रु लगभग होगी। तो आज से 28 साल बाद 4000 रु की कितनी value होगी आप आसानी से सोच सकते हैं। चलिए अब एक नजर OPS की एक सामान्य गणना पर देखते हैं। 

माना एक कर्मचारी जिसे पुरानी पेंशन मिलती है वो हर माह 10000 रु की धनराशि अपने GPF खाते में जमा करता है तो माना 30 वर्ष की उसकी सेवा है तो उसके द्वारा जमा की गई कुल धनराशि होगी - 
3600000 रु
30 साल बाद मिलने वाले ब्याज की अगर गणना की जाए तो वो बनता है लगभग - 
 2909000 रु 

माना कि कर्मचारी द्वारा अपने वेतन से GPF की राशि पर 10% की दर से आयकर दिया गया तो इसे ब्याज से घटाकर कुल लाभ देखें तो वो बनता है।

3600000+2909000-360000= 6149000 रु

कुल 6149000 ( इकसठ लाख उनपचास हजार रु) कर्मचारी को पूरा मिलेगा । तो ये लगभग कर्मचारी द्वारा दिये गए अंशदान से दोगुने के लगभग उसे प्राप्त हुआ। 

अब जरा पेंशन की गणना करे तो इसका सामान्य से एक नियम है कि जितना सेवानिवृत्त होते समय कर्मचारी का वेतन है उसका लगभग आधा उसकी पेंशन बनती है। अब यदि माने की कर्मचारी को 60000रु उस समय वेतन मिलता है जब वो सेवानिवृत्त हुआ तो लगभग 30000 रु उसकी मासिक पेंशन बनेगी। 


अब आप खुद सोचिए कि कर्मचारियों को किसमे लाभ है। जहां NPS में कर्मचारी के 28लाख रुपए के अंशदान के पश्चात उसे केवल लगभग 29लाख रूपये मिले और उसकी पारिवारिक पेंशन केवल 4000 रु मासिक बनी। 
वही दूसरी और एक कर्मचारी जो OPS के  अंतर्गत आता है वो 36लाख की धनराशि जमा करके 61लाख की धनराशि लेता है और एक सम्मानजनक पारिवारिक पेंशन भी लेता है। 

तो अब आप खुद फैसला कीजिये कि कौन उत्तम है NPS या OPS 


हमारा मिशन ; पुरानी पेंशन। 

ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये। 

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