BSNL : सरकार की अनदेखी झेलती सरकारी कम्पनी

BSNL भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक, ओर सबसे बड़ी बात कि ये एक सरकारी कम्पनी है जिसने देश भर में लाखों लोगों को रोजगार दिया हुआ है। परंतु आज इसकी हालत बहुत दयनीय हो चुकी है। भारत में दूरसंचार की शुरुआत जब हुई थी तो BSNL की संचार सेवाएं सबसे ज्यादा प्रगति पर थी। लैंडलाइन फोन और ब्रॉडबैंड सेवा BSNL की सबसे जबरदस्त थी। आज भी BSNL की ब्रॉडबैंड सेवा का कोई तोड़ नहीं है। 
धीरे धीरे प्राइवेट कंपनियों की बाढ़ सी आयी उन्होंने अनेक सेवाएं शुरू की। wireless सेवा उसमे आयी, मोबाइल का विकास हुआ तो फिर wireles सेवा को बहुत विस्तार मिला। BSNL की पहुंच सबसे पहले सभी जगह हुई। गांव में जहां कोई और कंपनी की सेवाएं नहीं थी वहां भी BSNL की पहुंच थी। 2g सेवा के बाद 3g सेवाएं आयी। तब बहुत सी कंपनियों ने अपनी 3g सेवाओं को गांव गांव तक पहुचाने की कई कोशिश की ओर जिससे देश की जनता को बहुत फायदा हुआ। उन्हें तेज गति की इंटरनेट सेवा मोबाइल में मिलने लगी। यहां से सरकार का सहयोग BSNL को कम मिलने लगा। जहां अन्य कंपनियों को 3g सेवाएं शुरू करने का मौका मिल चुका था तब सरकार की ओर से BSNL की 3g सेवाओं के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई थी। 
बस यहीं पर यह सरकारी कंपनी पिछड़ने लगी। कि जगह पर इस कंपनी की शाखाएं जो दूरस्थ गांवों में भी अपनी पहुंच बना चुकी थी वो बंद होने लगी। कई लोगों की नौकरी चली गयी।
इसके बाद भारत में 4g सेवाओं की शुरुआत हुई। इस वक़्त भी सरकार का योगदान इस सरकारी कम्पनी के साथ अच्छा नही रहा। 4g स्पेक्ट्रम की नीलामी कर कई सारी प्राइवेट कंपनियों को दिए गए परंतु BSNL के लिए कुछ नहीं सोचा गया। 
कई सारी कंपनियों ने अपनी 4g सेवाएं लोगों को पहुँचाना शुरू कर दिया। द्रुत गति की इंटरनेट सेवा प्राइवेट दूरसंचार कंपनियाँ देने लगी। और लोग BSNL की सेवा को बंद करके private company की सेवाएं लेने लगे। कि वर्षों तक ये चलता रहा पर सरकार ने इस सरकारी कंपनी के भविष्य के लिए कुछ नहीं सोचा। BSNL अन्य कंपनियों से पिछड़ती गयी। और आज BSNL एक ऐसे मुकाम पर पहुंच चुकी है कि इस कंपनी के कई कर्मचारियों को स्वेच्छिक सेवानिवृत्त होने के लिए बोला गया। और आगे भी कई कर्मचारियों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है। 



अब अगर अभी भी वक़्त रहते सरकड इस कंपनी के लिए कुछ ठोस कदम उठाए तो ये कंपनी फिर से अपने पैर जमा सकती है और सरकार इससे लाखों करोड़ की आय कमा सकती है। कई लोगों को रोजगार मिलेगा। क्योंकि BSNL की सेवाएं आज भी अन्य कंपनियों की सेवाओं से बेहतर हैं। जरूरत हैं सहयोग की। आज भारत 5g सेवाओं की ओर बढ़ रहा है। 

अगर सरकार चाहे तो सबसे पहले 5g सेवाओं को शुरू करने के लिए BSNL का साथ दे। पूरे देश मे BSNL की 5g सेवाएं तो ग्राहकों की संख्या बहुत तेजी से बढेगी। सरकार को बहुत राजस्व की प्राप्ति होगी। साथ मे प्राइवेट कंपनियों को भी 5g स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाए। BSNL में कर्मचारियों की बम्पर भर्ती की जाए तो वो समय दूर नहीं जब ये सरकारी कंपनी सरकड को सबसे ज्यादा राजस्व दे। 

बस जरूरत है सही क्रियान्वयन की और सरकार की सोच की। परंतु सरकार तो निजीकरण को बढ़ावा देने में लगी है परंतु इसके गंभीर परिणाम होंगे ये सरकार नहीं समझ पा रही है। 

सरकार को सरकारी कंपनियों के निजीकरण करने से कहीं बेहतर उनकी सेवाओं को सुधारना है।जिससे लंबे समय तक राजस्व की प्राप्ति होगी और देश आर्थिक विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। 

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