सरस्वती वन्दना (हे स्वर की देवी माँ )

सरस्वती वंदना हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो । हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो ।। हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो । अज्ञान ग्रसित होकर, क्या गीत सुनाएं हम । टूटे हुए शब्दों से, क्या स्वर को सुनाएं हम ।। हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो । दो ज्ञान राग माँ तुम, वाणी में मधुरता दो । सरगम का ज्ञान नहीं, शब्दों में सार नहीं ।। हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो । तुम्हें आज सुनाने को, मेरी मैया कुछ भी नहीं । संगीत समंदर से, स्वर ताल हमें दे दो ।। हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो । भक्ति ना शक्ति है, शब्दों का ज्ञान नहीं । गीतों के खजाने से, एक गीत हमें दे दो ।। हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो । हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो ।।